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শিব এবং শিব

 


ভূমিকা

"শিব এবং শিব" গ্রন্থে লেখা শিব- তত্ত্বকে নিজে উপলব্ধি দিয়ে বিচার করার প্রয়াসী হয়েছেন। তাঁর সে প্রয়াসের প্রতিফলন পাওয়া যাবে শিব সম্পর্কিত বিচার-ধারায়। এই গ্রন্থে উদ্ধৃত সমস্ত চিন্তা ভাবনা লেখকের একান্ত নিজস্ব ও মৌলিক । শিবের চরিত্রকে এক নতুন আলোকে দেখার এই প্রয়াস সুধী পাঠকবৃন্দকে মন্ত্রমুগ্ধ করে রাখবে। লেখকের এই প্রশংসনীয় উদ্যোগ পাঠককূলে সমাদৃত হবে বলে আমাদের বিশ্বাস । সাধারণ শব্দব্যুহের আশ্রয় নিয়ে শিব - তত্ত্বের রহস্য উদ্ধার করার জন্য লেখকের এই প্রয়াসকে সাধুবাদ ।


গঙ্গেশ্বর সিং
Email- singhgangeswar2017@gmail.com


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अहसास

हॅसना रोना जानता हूँ  पाकर खोना जानता हूँ  

बेबात की बात

    "दिल आ गया" जब कोई दिल से ऐसा कहता है तो यही समझना चाहिए कि बोलने वाला बंदा किसी के प्रेम में पड़ गया।पर सतही तौर पर विचार करने से ऐसा लगता है जैसे उसका दिल तब तक उसके पास था ही नहीं।असल में तभी उसका दिल उसे छोड़कर चला जाता है। अब बरसात में आँख की बीमारी कंजंक्टिवाइटिस या जय बंगला जब किसी को होती है तो वह भी कहता है "आँख आयी है"। यद्यपि तब तो आँख की रोशनी चली गयी होती है।

शिब एबं शिब

                                                                 आमुख "शिव और शिव" में लेखक नें शिव-तत्व को अपने नजरिये से देखने और परखने की विनप्न कोशिश की है। उसकी इसी कोशिश का प्रतिफलन है शिव से जुड़े कुछ विचार । इस पुस्तक में प्रतिविंधित सारे लेख मौलिक है, शिव चरित्र को नये आलोक में दर्शाते हैं और सुधी-पाठक को मंत्रमुग्ध करने में सक्षम से दिखते है। लेखक का यह सराहनीय प्रयास फाठकों के मन को अवश्य भायेगा। साधारण से शब्द व्यूह का आश्रय लेकर शिवतत्व के रहस्य को उनागर करने का लेखक के इस महती प्रयास को साधुवाद । गंगेश्वर सिंह Email- singhgangeswar2017@gmail.com